वाघा बॉर्डर कहाँ पर है?
वाघा भारत के अमृतसर, तथा पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित गाँव है; जहाँ से दोनों देशों की सीमा गुजरती है. भारत और पाकिस्तान के बीच थल-मार्ग से पर्यटकों ले लिए सीमा पार करने का यही निर्धारित स्थान है जो कि नियमित रूप से खुला रहता है. यह स्थान अमृतसर से 32 किमी. तथा लाहौर से 22 किमी. दूरी पर स्थित है. वाघा, यहाँ पर होने वाली " वाघा बॉर्डर सेरेमनी" तथा पर्यटकों के आने-जाने और व्यापार के लिए इस्तेमाल होने वाले रास्ते के लिए भी जाना जाता है.
आधिकारिक तौर पर, इस समारोह का उद्देश्य औपचारिक रूप से रात के लिए सीमा को बंद करना और राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारना (flag lowering ceremony) है. झंडा उतारने का काम सूर्यास्त से 2 घंटे पहले किया जाता है. हालांकि, यह एक मनोरंजन समारोह है लेकिन इसको देशभक्ति प्रदर्शन की तरह हर दिन प्रदर्शित किया जाता है. इस सेरेमनी में राष्ट्रीय गान को बजाया जाता है, देशभक्ति के नारे लगाये जाते हैं और बॉलीवुड के गानों पर डांस भी किया जाता है. इसके अलावा कभी-कभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. इस सेरेमनी में भारत के पर्यटकों के अलावा विश्व के अन्य देशों के लोग भी शामिल होते हैं.

इस सेरेमनी के समय यह बॉर्डर एक युद्ध के मैदान की तरह दिखता है, क्योंकि जुलूस; जोर से चिल्लाने और सैनिकों द्वारा भारी पैर के साथ कदमताल करके आयोजित किया जाता है. मार्चिंग के दौरान भारत और पाकिस्तान के सैनिक अपने पैरों को एक दूसरे के सिर से ऊपर तक उठाते हैं. इसे “Goose Marching” कहा जाता है. इसमें दोनों और के सैनिक एक दूसरे को हराने का प्रयास भी करते हैं. यह पूरा आयोजन लगभग 45 मिनट तक चलता है.

ध्वज समारोह, पाकिस्तान रेंजर्स और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा आयोजित किया जाता है. इस सेरेमनी का आयोजन सन 1959 से हर दिन किया जा रहा है लेकिन जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद ज्यादा बढ़ जाता है तो इस समारोह को कुछ दिन के लिए बंद भी कर दिया जाता है.
कैसे पहुंचें वाघा सेरेमनी में;
अगर आप वाघा बॉर्डर जाना चाहते हैं तो सबसे पहले अमृतसर पहुंचें. यह बॉर्डर, अमृतसर से 27 किमी दूर पड़ता है. अमृतसर से सार्वजनकि बस लें जो कि अटारी स्टेशन तक जाएगी. अटारी से आप आगे का 3 किमी. का रास्ता तय करने के लिए रिक्सा ले सकते हैं, या आने और जाने के लिए टैक्सी भी बुक कर सकते हैं.
क्या आप भारतीय झंडा संहिता,2002 के बारे में जानते हैं?
वाघा बॉर्डर सेरेमनी में जाने से पहले ये बातें ध्यान रखें;
1. वाघा बॉर्डर समारोह देखने के लिए भीड़ काफी ज्यादा रहती हैं एवं धक्का मुक्की में यह भी संभव हैं, इसलिए आप ठण्ड के मौसम में 2:30 बजे तक एवं गर्मी के दौरान 3 बजे तक यहाँ पहुँच जायें. बीटिंग रिट्रीट समारोह सर्दियों में 4:15 बजे और गर्मियों में 5:15 बजे शुरू होता है.
2. यदि संभव हो सके तो सुबह का टाइम निकाल कर “खासा” गाँव स्थित BSF केंट जाकर अपनी सीट अग्रिम ही बुक करा लें, खासा गाँव अटारी बॉर्डर से कुछ ही किमी. दूरी पर स्थित है. वहाँ जाते वक़्त अपनी ID प्रूफ साथ ले जाना न भूलें.
3. सेरेमनी देखने बहुत अधिक संख्या में लोग पहुँच जाते हैं इसलिए कुछ लोगों को स्टेडियम के अन्दर नही जाने दिया जाता है और उनको स्टेडियम के बाहर लगी स्क्रीन पर ही सेरेमनी देखनी पड़ती है इसलिए जल्दी पहुँचने की कोशिश करें.
4. मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति है, लेकिन मोबाइल फोन नेटवर्क जाम कर दिया जाता है. हालाँकि आप फोटो/वीडिओ बना सकते हैं.
5. सेरेमनी देखने के लिए कोई टिकट शुल्क नही लगता है.
6. ऐसा मत सोचना कि यहाँ पर सभी देशभक्त लोग ही जाते हैं, यहाँ पर जेबकतरे भी होते हैं इसलिए सावधान रहें.
वाघा सेरेमनी का सबसे बड़ा मकसद दोनों देशों के बीच आपसी सामंजस्य और सौहार्द्र का माहौल बनाये रखना है. इसके साथ-साथ इस सेरेमनी में यह भी प्रयास किया जाता है कि लोग देश के जवानों के द्वारा देश की रक्षा के लिए किये जा रहे प्रयासों और उसमे आने वाली उनकी कठिनाई को समझें.
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