श्रीमद्भगवद्गीता के अनमोल वचन
श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था आइये जानते हैं- Shrimad Bhagavad Gita quotes in hindi - श्रीमद भगवद गीता के अनमोल वचन
Most Inspiring Quotes From The Bhagavad Gita - गीता से सबसे प्रेरणादायक वचन
1 जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है
2 अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है
3 आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो . उठो
4 मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है
5 नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच
6 इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है
7 प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं
8 व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे
9 ससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता
10 जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना. इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो
11 किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें , भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े
12 भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी
13 तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं, और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो.बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं
14 जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं.
15 वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है
16 हमेशा कर्म करो क्योकि बेकार रहने ज्यादा कर्मवान होना है
17 अशान्त मन पर काबू करना मुश्किल है परन्तु अगर बार-बार कोशिश की जाए तो यह किया जा सकता है
18 लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे. सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है
19 जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें
केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है.
Post a Comment
0 Comments