दिशा और दूरी (Direction and Distance Test)
इस अध्याय से सम्बन्धित प्रश्न
दिशा
अथवा दूरी या दोनों पर आधारित होते हैं जैसा कि शीर्षक से ही ज्ञात होता है।
इस प्रकार के प्रश्नों में अभ्यर्थियों से किसी निष्चित बिन्दु या किसी निष्चित
दिषा से अलग-अलग दिषाओं में भ्रमण करते हुए, किसी निष्चित बिन्दु तक की
प्रारम्भिक स्थान से तय की गई सीधी दूरी या दिषा से सम्बन्धित प्रष्न पूछे जाते
हैं।
· नक्शे में दिषाओं की स्थिति
यहां प्रदर्षित आरेख के अनुसार’ यदि मध्य बिन्दु पर कोई व्यक्ति
खड़ा हो, तो उसके ऊपर की ओर उत्तर, नीचे की ओर दक्षिण तथा दायीं ओर
पूरब एवं बायीं ओर पष्चिम दिषा होगी, इसी प्रकार हम उत्तर एवं पष्चिम के
बीच की दिषा को ‘उत्तर-पष्चिम’, दक्षिण एवं पष्चिम के बीच की दिषा को ‘दक्षिण-पष्चिम’, दक्षिण एवं पूर्व के बीच की दिषा को ‘दक्षिण-पूरब’ तथा उत्तर एवं पूरब के बीच की दिषा को ‘उत्तर-पूरब’ मानते हैं।
यहां यह भी ध्यान देने वाला बिन्दु है कि दिषाओं के बीच कोण कितने-कितने अंष
के होते हैं। इस निम्न चित्र द्वारा यह समझा जा सकता है।
स्प्ष्टतः दिषाओं को इस प्रकार बांटा गया है कि उनके बीच के कोण 450 के गुणज हों।
· दायें तथा बाएं मुड़ना
हम किसी दिषा की ओर मुख करके चल रहे हैं तथा किसी बिन्दु से हमें दायीं ओर
मुड़ना हो, तो हमें अपनी दायीं ओर यानी घड़ी की सुई के चलने की दिषा में (Clockwise)
900 का कोण बनाते हुए मुड़ना चाहिए ठीक
इसी प्रकार यदि बायीं ओर मुड़ना हो, तो अपनी बायीं ओर यानी घड़ी की सुई
के चलने की विपरीत दिषा में (Anticlockwise) 900 का कोण बनाते हुए मुड़ना चाहिए।
प्रतियोगी इस बात पर ध्यान दें कि दाएं तथा बाएं मुड़ने के लिए दक्षिणावर्त
दिषा का ही प्रयोग करें तथा इससे प्रष्नों को हल करना अधिक सरल होगा। निम्न
आकृतियों द्वारा इन्हें सरतला से समझा जा कसता है।
चित्रानुसार, जब भी दाएं मुड़ने का निर्देष हो, तो घड़ी के चलने की दिषा अर्थात् दक्षिणावर्त दिषा में मुड़ जायें तथा जब भी
बाएं मुड़ने का निर्देष हो, तो घड़ी के चलने की दिषा के विपरीत
अर्थात वामवर्त दिषा में मुड़ जायें।
उदाहरणार्थः अतुल दक्षिण दिषा की ओर 20 मीटर चलता है। बायीं ओर मुड़कर वह 30 मीटर चलता है, फिर दायीं ओर मुड़कर 10 मीटर चलता है फिर दायीं ओर मुड़कर 40 मीटर चलता है, फिर दायीं ओर मुड़कर 30 मीटर चलता है और रुक
जाता है। प्रारम्भिक बिन्दु से वह किस दिषा की ओर है?
(1) दक्षिण -पश्चिम
(2)
पश्चिम
(3) उत्तर-पश्चिम (4) वह प्रारम्भिक बिंदु पर
है (5) इनमें से कोई नहीं
gy
अतः प्रष्न में जैसे-जैसे दाएं एवं बाएं के निर्देष मिलते रहें हम व्यक्ति को
वामावर्त (CW) तथा दक्षिणावर्त (ACW) घूमाते रहे। चित्र से स्पष्ट है कि अतुल अपने प्रारम्भिक स्थान से पष्चिम की
ओर है।
·
परछाई से संबंधित तथ्य
जब कोई वस्तु किसी प्रकाष स्त्रोत के सामने आ जाती है तो प्रकाष स्त्रोत के
विपरीत उस वस्तु की परछाई बन जाती है। परछाई सदैव प्रकाष स्त्रोत के विपरीत ही
बनेगी।
इसलिए सूर्योदय के वक्त परछाई बनने की दिषा निष्चित होती है, परछाई हमेषा सूर्य के निकलने के विपरीत दिषा में अर्थात् पष्चिम दिषा में बनती
है।
दोपहर 12 बजे, चूंकि सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं या यूं कहें कि सूर्य उस समय
ठीक सिर के ऊपर होता है इसलिए उस समय कोई परछाई नहीं बनती है।
उदाहरणार्थः नवलेष प्रातः बाग में टहल रहा है और
समाने से उसका मित्र सोनू आ रहा है। नवलेष देखता है कि सोनू की छाया उसके (सोनू
के) बाएं पड़ रही है, तो नवलेष किस ओर मुंह करके जा रहा है?
(1) पूरब
(2)
दक्षिण
(3) पश्चिम
(4)
उत्तर (5) इनमें से कोई नहीं
हल
हम सभी जानते हैं कि प्रातः सूर्य पूरब दिषा में रहता है तथा प्रश्नानुसार
सोनू की छाया उसके बायें पड़ रही है अर्थात् सोनू के दायें पूरब दिषा है। इस
प्रकार सोनू का मुंह उत्तर दिषा में है तथा नवलेष सोनू के समाने से आ रहा है तो
उसका मुंह दक्षिण दिषा में होगा।
·
दो स्थानों के बीच की दूरी
दिषाओं से सम्बन्धित प्रष्नों में जब दूरी पूछी जाती है तो प्रायः उन प्रश्नों
में समकोण त्रिभुज का निर्माण हो रहा होता है। उस स्थिति में न्यूनतम दूरी ज्ञात
करने के लिए पाइथागोरस सूत्र (Phythagorus Formula) काफी सहायक सिद्ध होता है।
पाइथागोरस सूत्रः
उदाहरणार्थः एक बच्चा अपने पिता की तलाश में है, वह 90 मीटर पूर्व की ओर गया और फिर अपने दाईं ओर मुड़ा। वह 20 मीटर चला और पुनः अपनी दाईं ओर मुड़ा और चाचा के घर गया, जो वहां से 30 मीटर दूर है। उसका पिता वहां भी नहीं मिला। यहां से वह 100 मीटर उत्तर की ओर गया और वहां एक गली में अपने पिता से मिला। वह पिता से कितनी
दूर मिला?
(1) 80 मी (2)
100 मी
(3) 140 मी (4)
260 मी (5)
इनमें
से कोई नहीं
gy
·
दिशाओं का परिवर्तन
इस वर्ग से पूछे जाने वाले प्रष्नामें में प्रायः दिषाओं को आपस में परिवर्तित
करने के पश्चात् प्राप्त नई दिषा के बारे में पूछा जाता है।
इन प्रष्नों को दिषाओं के बीच के कोणों को तथा दिषाएं किस क्रम में
दक्षिाणावर्त (CW) या वामावर्त (ACW) दिषा में घूम रही हैं, इन बातों को ध्यान में रखकर सरलता पूर्वक हल किया जा सकता है।
उदाहरणार्थः यदि दक्षिण-पूर्व उत्तर हो जाता है, तो उत्तर-पूरब क्या हो
जाएगा?
(1) उत्तर
(2)
दक्षिण
(3) पूरब
(4)
पश्चिम
हल-प्रश्नानुसार]
अतः उपरोक्त आरेख से यह स्पष्ट होता है कि दिषाएं दक्षिणावर्त दिषा में 1350 घूम रही हैं, इसी प्रकार उत्तर-पूरब को 1350 घूमाने पर वह पष्चिम
हो जाएगा।
Ø यह ध्यान देना आवष्यक है कि कागज की सतह पर आपका दायां हाथ नक्षे की दायीं
दिषा तथा आपका बायां हाथ नक्षे की बायीं दिषा होती है।
अब आइए, दिषा एवं दूरी निर्धारण सम्बन्धी प्रष्नों की प्रकृति और स्वरूप समझने के लिए
नीचे इसके इस अध्याय के अन्तर्गत पूछे जाने वाले विभिन्न प्रकार (Types) के प्रष्न एवं उसके व्याख्यात्मक
हल का ध्यानपूर्वक अवलोकन करें।
·
उदाहरण-1 - गौरव अपने घर से 21 किमी. उत्तर की ओर चला तथा दाईं ओर मुड़कर 17 किमी. चला। यदि अन्त में वह पुनः दाईं तरफ मुड़कर 10 किमी. चला, तो अ बवह अपने घर से किस दिषा में है?
(1) पूर्व
(2)
उत्तर-पूर्व
(3) दक्षिण-पूर्व Z (4)
दक्षिण (5) इनमें से कोई नहीं
मूल
बिंदु (घर)
अत:
वह मूल बिंदु से उत्तर-पूर्व दिशा में होगा|
·
उदाहरण-2 . यदि घड़ी में समय 6 रू 20 हो तथा मिनट की सुई उत्तर-पूर्व दिषा की आरे इंगित करती हो, तो घण्टे की सुई किस दिषा की ओर इंगित करेगी
(1)उत्तर-पश्चिम
(2) पूर्व
(3) उत्तर-पश्चिम
(4)
दक्षिण- पूर्व (5)
इनमें
से कोई नही
हल-
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