गुरूत्वाकर्ष्ण तरंगो की खाेज के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
गुरूत्वाकर्ष्ण तरंगो की खाेज के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
इस खोज को करने के लिये यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा "लीज पाथफाइंडर" स्पेस क्राफ्ट भेजा गया था
इस खोज को अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) के क्षेञ में बहुत बडी सफलता माना जा रहा है
अलबर्ट आइंस्टाइन (Albert Einstein) ने 100 साल पहले बताया कि सवा अरब साल पहले ब्रह्मांड में दो ब्लैक होल (Black Hole) की टक्कर हुई थी
ब्लैक होल की यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि उनके आसपास का समय और अंतरिक्ष दोनो प्रभावित हुये थे
इस टक्कर से जो तरंगें पैदा हुई वह गुरुत्वाकर्षण तरंगें (Gravitational waves) थी
अलबर्ट आइंस्टाइन (Albert Einstein) के अनुसार यह तरंगें किसी तालाब में पत्थ्र फैकने पर जो तरंगें पैदा होकर आगे बढती है यह बिलकुल उसी तरह थीं
गुरूत्वाकर्ष्ण तरंगें (Gravitational waves) प्रकाश की गति से चलती हैं और इन्हें रोकना या बाधित करना संभव नहीं है।
भारत भी उन देशों में से एक है जहॉ गुरुत्वाकर्षण प्रयोगशाला (Gravity Lab) स्थापित की जा रही है
विश्व के अन्य देशों के अलाबा आईयूसीएए,पुणे द्वारा सबसे पहले गुरुत्वाकर्षण तरंगो की खोज का एेलान किया गया
गुरुत्व तरंगों की पहचान करने वाली लिगो (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी) (Laser Interferometer Graviteshnl Wave Observatory) अब तक की सबसे एडवांस मशीन है
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